30 के बाद दोपहर में सोने से 2.5 गुना तक बढ़ जाता है इन जानलेवा रोगों का खतरा, इन 5 तरीकों से भगाएं नींद

दोपहर में खाना खाने के बाद अक्सर लोगों को नींद आती है और कुछ लोग तो झपकी लेने से भी नहीं चूकते हैं। लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि वे लोग, जो रात को पर्याप्त नींद लेने के बाद भी दिन में सोते हैं उनमें डायबिटीज, कैंसर और हाई ब्लड प्रेशर जैसी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस स्थिति को हाइपरसोमनोलेंस (hypersomnolence) कहते हैं, जिसमें रात को सात या उससे ज्यादा समय की नींद लेने के बावजूद दिन में बहुत ज्यादा नींद आती है। यह स्थिति कुछ लोगों के लिए परेशानी का सबब होती है क्योंकि ये उनके काम करने के तरीके और अन्य दैनिक गतिविधियों को प्रभावित करती है।


कैलिफोर्निया स्थित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और अध्ययन के लेखक मौरिस ओहायोन का कहना है, ''उम्रदराज लोगों में नींद आने की इस स्थिति पर ध्यान देकर डॉक्टर भावी चिकित्सीय स्थितियों का पता लगा सकते हैं और उन्हें रोक सकते हैं।'' उन्होंने कहा कि उम्रदराज लोगों और उनके परिवार के सदस्यों को अधिक गंभीर चिकित्सीय स्थिति के विकसित होने के संभवित खतरे को समझने के लिए सोने की आदतों पर बारीकी से नजर रखने की जरूरत होगी।





इस अध्ययन में 10, 930 लोग शामिल हुए थे और करीब 34 फीसदी प्रतिभागी 65 साल या उससे अधिक उम्र के थे। इस अध्ययन के निष्कर्ष 25 अप्रैल से 1 मई के बीच टोरंटो में होने वाली अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी की 72वीं वार्षिक बैठक में प्रस्तुत किए जाएंगे।


अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने तीन साल के अंतराल पर प्रतिभागियों से दो बार फोन पर साक्षात्कार किया। पहले साक्षात्कार में 65 से ऊपर की उम्र के 23 फीसदी लोगों ने जरूरत से ज्यादा नींद आने की बात कही। वहीं दूसरे साक्षात्कार में 24 फीसदी ने इस समस्या को अपनी कमी बताया। इसके साथ ही 41 फीसदी लोगों ने कहा कि नींद आना उनकी एक पुरानी समस्या है।


अध्ययन में पाया गया कि पहले फोन साक्षात्कार में जिन लोगों ने नींद आने की समस्या बताई उनमें तीन साल बाद डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा 2.3 गुना तक बढ़ गया था जबकि साक्षात्कार में नींद नहीं आने वाले लोगों में ये खतरा नहीं था। इसके अलावा डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के खतरे वाले लोगों में कैंसर विकसित होने का खतरा भी दोगुना हो गया।


पहले साक्षात्कार में 840 लोगों ने नींद आने की समस्या दर्ज कराई, जिसमें से 52 लोगों यानी की 6.2 फीसदी को दिन में कभी नहीं सोने वाले 74 लोगों यानी की 9.2 फीसदी के मुकाबले डायबिटीज हो गई। वहीं इन 840 लोगों में से 20 यानी की 2.4 फीसदी को दिन में नहीं सोने वाले 21 लोगों या 0.8 फीसदी के मुकाबले कैंसर का शिकार होना पड़ा। 


वे लोग, जिन्होंने दोनों साक्षात्कार में दिन के समय सोने की बात कहीं उनमें ह्रदय रोगों के विकसित होने का खतरा 2.5 फीसदी तक कम हो गया। वहीं सिर्फ दूसरे साक्षात्कार में नींद आने की बात दर्ज कराने वाले लोगों में अर्थराइटिस, टेंडनिटिस और ल्यूपस जैसी कनेक्टिव टिश्यू और मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं का जोखिम 50 फीसदी तक बढ़ गया।


दिन के वक्त नींद तो उसे इन 5 तरीकों से भगाएं


संगीत सुने


अगर आपको ऑफिस या काम के वक्त दिन में नींद आती है तो नींद को भगाने का सबसे अच्‍छा तरीका है कि आप कुछ देर के लिए संगीत सुने। पसंदीदा संगीत सुनने से मन को शांति मिलती है और नींद भी भाग जाती है।


 

स्‍नैक्‍स लें


हमें दिन में कई बार भूख लगती है, जिसके कारण हमारा शरीर का ऊर्जा स्तर कम हो जाता है, जिस कारण हमें नींद आती है। इसलिए निरंतर अंतराल पर खाते रहे हैं। हां इस बात का ध्यान जरूर रखें कि कम खाएं और पेट न भरें। इसके अलावा ऐसे स्‍नैक्‍स खाएं, जो आपको एनर्जी और पोषक तत्‍व दें।


लेमन जूस पीएं


रोज सुबह कॉफी या चाय पीने से भी दिन में नींद की समस्या बढ़ती है। इससे बचने के लिए सुबह उठकर एक गिलास नीबू पानी पीएं। नीबू पानी ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने को काम करता है। नींबू आयोन का एक अच्‍छा स्त्रोत है, जो हमारे पाचन तंत्र में प्रवेश कर बॉडी की एनर्जी को बढ़ाने का काम करता है।


ठंडे पानी से मुंह धोएं


ऑफिस में काम करते हुए नींद आ रही है तो ठंडे पानी से अपना चेहरा धोएं। कई अध्ययनों में ये बताया गया है कि ठंडे पानी से बॉडी में मौजूद रेटिक्‍युलर सिस्‍टम सक्रिय हो जाता है और थकान दूर हो जाती है।


लोगों से घुले-मिलें


काम को गंभीरता से करना बेहद जरूरी है लेकिन ये नहीं है काम में मगन होकर स्वास्थ्य का ख्याल ही छोड़ दें और किसी से बात न करें। काम के साथ खुद को थोड़ा सोशलाइज भी करें। लोगों से बात करने पर आपको ऊर्जा मिलती है और नींद भी नहीं आती है। काम के दौरान थोड़ा बहुत हंसी-मजाक भी करते रहें। दरअसल हंसने से चेहरे की मसल्‍स स्‍ट्रेच होती है और ब्‍लड प्रेशर कंट्रोल रहता है।